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Chai (Tea)

एक बार पिलाई थी चाय उसने अपने हाथों की, उसके बाद फिर वैसी चाय कभी पी ही नहीं। ✍️ मिडनाइट शायरी
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Baarish (Rain)

यूँ पहना उसने सब्ज़ रंग बारिश में, बारिश जो शुरू हुई, फिर थमी ही नहीं, ✍️ मिडनाइट शायरी 

Nazar andaz (ignorance)

आजकल मैंने उसे नज़रअंदाज़ कर रखा है, उसके लिए जो एहसास थे, जज़्बात थे उन्हें धीमी आँच पर रखा है। ✍️ मिडनाइट शायरी

कर्ज़

वोह जो वक्त था, गुज़ार चुका हूं मैं, मुझ पर जो भी था कर्ज़, उतार चुका हूं मैं, अब मुझे ज़िंदगी में किसी और से कोई उम्मीद नहीं हैं। जो कुछ भी बिखरा था , वह सब कुछ संवार चुका हूँ मैं | 

Adhoora

मुकर्रर मैं भी नहीं, अधूरा तु भी है मेरे बिना। मिडनाइट शायरी 

Ghar

आज मुझे फिर उसके घर जाना है, और फिर उसने अपना मुँह बनाना हैं|  मिडनाइट शायरी 

Pareshaan

वह परेशां हैं मेरा हाल जानने के लिए , हम परेशां हैं उनका हाल जानने के बाद |  मिडनाइट शायरी